Archive | June, 2022

Aabhaas

30 Jun

” आभास “

दिखता है पर साफ साफ नहीं,

कानून तो है मगर इंसाफ नहीं ।

दोस्त अगर, तो सब चलता है,

पर दुश्मन को कुछ माफ नहीं ।

कभी बदल जाए यहां मौसम,

किसीको कुछभी एहसास नहीं ।

है नैय्या बीच भंवर फसी और,

खुद नाविक पर विशवास नहीं ।

कुछ महल दु महलेे इनके पास,

पर अच्छा रहने को आवास नहीं ।

वक्त कितना तो बदला है ‘मिलन’

खुद इतना भी हमें आभास नहीं ।।

मिलन ” मोनी “

Kaise

24 Jun

” कैसे “

याद दिल ही से न जाए तो भुलाऊं कैसे,

यार घर से निकल जाए तो बुलाऊं कैसे ।

होश में रह कर भी मदहोश हो जाते है,

ख्वाबों से वो जज्बात मैं जगाऊं कैसे ।

जागते होने पर सोने का बहाना करना,

नींद से ऐसे गुनाहगारों को उठाऊं कैसे ।

फूल मैय्यत से उनके जो उठाए हमने,

अब घर उन्ही फूलों से सजाऊं कैसे ।

मेरी सूरत में उनका अक्स नजर आए,

आंख आयने से अपनी मैं बचाऊं कैसे ।

कब से ढूंढ रहा ‘मिलन’ पर मिला नहीं,

दिल को अपने सुकून मैं दिलाऊं कैसे ।।

मिलन ” मोनी “

Mahamaari

20 Jun

” महामारी “

जादू ऐसा के कुछ सुझाई नही देता,

नजर में है पर वह दिखाई नहीं देता ।

जिस्म मर जाए पर वो नहीं मरता,

अपने शिकार को जुदाई नहीं देता ।

कुछ और नहीं है महामारी करोना,

हल इसका कोई बुझाई नहीं देता ।

इश्क या मुश्क जिंदगी से इसका,

रोना गाना कुछ सुनाई नहीं देता ।

हाथ मिला या गले से लगा कर,

किसी को अब बधाई नहीं देता ।

मौका खुशी का या हो गमी का,

हाथों से अपने मिठाई नहीं देता ।

दूर दूर रहो सबसे यही है उपाय,

खौफनाक ऐसी बिदाई नहीं देता ।

चेहरा छुपा लो मास्क लगा कर,

जीने की कोई भी दुहाई नहीं देता ।

माहौल इस कदर खौफज़दा ‘मिलन’,

डाक्टर वैध भी इसकी दवाई नहीं देता ।।

मिलन ” मोनी ”

Humsafar

18 Jun

” हमसफर “

गुलों के हम सफर ही खार मिले,

जिंदगी में ऐसे भी किरदार मिले ।

रास्ता सहरा का है तवील बहुत,

बीच राह शायद कहीं बहार मिले ।

दिल तक ना पहुंची दिल की बात,

रास्ता भटकाने कई दिलदार मिले ।

बे-इरादा तो नहीं चलाए थे पत्थर,

इरादे उन सबके बहुत खूंखार मिले ।

सवाल जितने अदब से हमने किए,

जवाब सबही सबके बड़े बेकार मिले ।

गंगा जमुनी तहजीब समझे थे जिसे,

गंगा के न ही जमुना के आसार मिले ।

जो मजहब नहीं सिखाते किसीसे बैर,

वहीं पर नफरतों के बड़े ठेकेदार मिले ।

यह तो सोची समझी चाल थी ‘मिलन’

इनमें पढ़े लिखे कुछ नेता गद्दार मिले ।।

मिलन ” मोनी “

Rusvaai

15 Jun

” रुसवाई “

गलत को गलत बताना अच्छाई है,

औ झूठ को झूठ कहना सच्चाई है ।१

आज हरतरफ इतना शोर है धुआं है,

ये आग नफरतों की हम ने लगाई है ।२

एक मुल्क एक खून फिरभी अलग,

ये बात किसने किसको समझाई है ।३

जो शक्ल अपनी पहचान नहीं पाते,

समझा देते है के आयना हरजाई है ।४

न साथ हवा के बादल आए न बरसे,

कैसी चल रहीं हैं ये पछुआ पुरवाई है ।५

फूल उम्मीदों के खिलेंगे गुलशन में,

इस मौसम ने जब से ली अंगड़ाई है ।६

इंसान से इंसान की पहचान ‘मिलन’

सच्ची उसकी इज्जत है या रुसवाई है ।।७

मिलन ” मोनी “

Aazmaaya karo

9 Jun

” आजमाया करो “

अपनी खुशियों को ऐसे भी जताया करो,

एक दीपक घर की मुंडेर पर जलाया करो ।

अपने आप पर भरोसा चाहे करो न करो,

अपनों को वक्त वक्त पर आजमाया करो ।

भूल के शिकवे गिले और रंजो गम सारे,

बस अपनी दोस्ती का हक निभाया करो ।

इससे ज्यादा सुकून कहीं पे मिलेगा नहीं,

शाम होते होते घर अपने लौट आया करो ।

चार दिनों का खेल तो चार दिन ही रहेगा,

इतने में ही खुशियां जोड़ो या घटाया करो ।

अपनी जगह हम सभी परेशान हैं लेकिन,

कुछ भी वजह देखके तुम मुस्कुराया करो ।

जमीन प्यार की बंजर होती जा रही आज,

रिश्तों की कुछ खाद, पानी मिलाया करो ।

अपनी मौजूदगी का इल्म हो महफिल में,

अपनी लिखी गजल कोई गुनगुनाया करो ।

रात दिन गम खुशी चलते हैं साथ ‘मिलन’

जिंदगी के उतार चढ़ाव से न घबराया करो ।।

मिलन ” मोनी “

Aavaam

7 Jun

” आवाम “

मोहब्बत की जमीन पे सांप पाले जाते हैं,

क्यारियों में नफरतों के बीज डाले जाते हैं ।१

रास्ते दिन पे दिन हो रहे हैं मुश्किल बहुत,

फूंक फूंक के कदम वतन संभाले जाते हैं ।२

झूठी गवाही से गुनाहगार हो जाते निर्दोष,

सिर्फ अपराधियों के निशां खंगाले जाते है ।३

कोई न कोई वजह अजीब अजीब ढूंढ कर,

फिर बेवजह उन पर पत्थर उछाले जाते हैं ।४

क्यों आवाम समझ पाती नहीं असलियत,

सच्चाइयों के ढांचों में ये झूठ ढाले जाते हैं ।५

धर्मनिरपेक्ष की परिभाषा ना समझे ‘मिलन’

तो मजहब के नाम पे फतवे निकाले जाते हैं ।६।।

मिलन ” मोनी ”

Ehetmaad

3 Jun

” एहतमाद “

हर वक्त इश्क उनसे किया नहीं जाता,

कोई भी जख्म मुझसे दिया नहीं जाता ।

अपना प्यार खो कर भी मुस्कुराना पड़े,

इस तरह हमसे कभी जिया नहीं जाता ।

दर्द ही दर्द की दवा है ये पता था मगर,

अपना दर्द ही तो सबसे पिया नहीं जाता ।

लुट जाएगी अपनी मोहब्बत ये सोच के,

कर्ज जिंदगी भर का तो लिया नहीं जाता ।

अपने दिल के नजदीक जो बहुत रहते हैं,

फासला देर तलक उनसे किया नहीं जाता।

उनके प्यार पर ‘मिलन’ जो एहतमाद था,

किसी और के ऊपर तो किया नहीं जाता ।।

मिलन ” मोनी “