Archive | February, 2020

Mubarak

20 Feb

जीते तो वतन मुबारक

हारे तो कफन मुबारक !

कैसा चला जेहाद यह

लाशों को दफन मुबारक !

मुसलमान के कब्रिस्तान

हिन्दुओं को शमन मुबारक !

खुश्बुओं से लबरेज़ रहेगा

फूलों को चमन मुबारक !

हुनर आर्ट का बाज़ार है

मोदी रो अमन मुबारक !

मौलाना को इस्तिकबाल

पंडितों को नमन मुबारक !

आग में भी महक ‘मिलन’

चंन्दन को हवन मुबारक !!

मिलन “मोनी” २०/२/२०

Kaheen Nahi

19 Feb

मन्दिर नगर नगर पर राम कहीं नही

मस्जिद शहर शहर रहमान कहीं नहीं !

दांव पर इन्सान की नीयत आज तो

राधा डगर डगर है श्याम कहीं नहीं !

पहचानती दुनिया मुझे मेरे कलाम से

छाया गज़ल गज़ल बेनाम कहीं नहीं !

प्यासा भटक रहा हूं तेरी आंखों में

प्याला नज़र नज़र, जाम कहीं नहीं !

इक मंजिल के बाद दूसरी की चाह

चलना शामो सहर विराम कहीं नहीं !

कह रही हैं कश्तियां किनारे से यह

भटके भंवर भंवर अंजाम कहीं नहीं !

आदमी की कोइ कीमत नहीं ‘मिलन’

बिकता सदर सदर दाम कहीं नहीं !!

मिलन “मोनी” २०/०२/२०२०

Ahsaas

16 Feb

इश्क के एहसास को जगाना ज़रूरी है
बातों बातों में सही यह बताना ज़रूरी है !

दुश्मन चाहें जितना भी होशयार हो जाए
जाग रहें हैं हम भी यह जताना ज़रूरी है !

नफरतें चाहें लाखों बिखरी हों ज़माने में
मोहब्बत से मन अपना सजाना ज़रूरी है !

दिल जीतने के पहले दिल हारना पडता है
एक बार तो इसे दांव पे लगाना ज़रूरी है !

जीतो या न जीतो ये बाज़ी तुम प्यार की
पर किस्मत को अपनी आज़माना ज़रूरी है !

मर्ज़ी बिना उसके पत्ता नहीं हिलता ‘मिलन’
सजदे में खुदा के सर को झुकाना ज़रूरी है !!

मिलन “मोनी”  १५/०२/२०२०