” पाइंदा हूं मैं “
तेरे इश्क में मर कर भी जिंदा हूं मैं,
मोहब्बत में उड़ता एक परिंदा हूं मैं।१
लोग नफरत से मुंह मोड़ कर बैठे हैं,
दिलों को जोड़े वो एक कारिंदा हूं मैं।२
इसका एहसास जाने कब होगा तुझे,
हज़ार नितामतों में एक चुनिंदा हूं मैं।३
हर एक मर्ज का इलाज है मेरे पास,
अल्लाह से भेजा एक नुमाइंदा हूं मैं।४
मिटता नहीं मेरा प्यार इस दिल से,
यकीनन इस वजह से पाइंदा हूं मैं।५
जो प्यार दौलत से तोलते ‘मिलन’
इंसान की इस सोच से शर्मिंदा हूं मैं।।६
मिलन ” मोनी “