Archive | July, 2022

Devdas

22 Jul

” देवदास “

मोहब्बत में ऐसी भला क्या खुशी है,

जो दिलो जान लुटा कर भी मिली है ।

यूं तो मोहब्बत का कोई मोल नहीं है,

मोहब्बत के बदले मोहब्बत मिली है ।

देवदास पास तेरे पारो है चंद्रमुखी है,

सब कुछ तो है मगर तेरा मन दुखी है ।

कितनी भी पीलो नजरों या प्यालों से,

मोहब्बत की प्यास ऐसे कब बुझी है ।

मैं रात रात भर जागा हूं तुझे सोच के,

जैसे दिल को कोई तेरी बात चुभी है ।

अपनी हालत देख लगता है ‘मिलन’

सिवा मेरे दुनिया में हर बंदा सुखी है ।।

मिलन ” मोनी “

Sehzaadaa

13 Jul

” शहजादा “

अंदाज-ए-बयां से मैं अफसाना लगता हूं,

तेरे नाज़ नखरों का मैं दीवाना लगता हूं ।

इस कद्र शर्मा कर फेर लेते हैं नजरों को,

के दिल वालों में मैं ही पहचाना लगता हूं ।

उलझ गया था तेरी घुंघराली लटो में इतना,

के खुद अपने आप को मैं बेगाना लगता हूं ।

छलका लो चाहें जितना पर होता नहीं कम,

आंखों में लबरेज़ इश्क का पैमाना लगता हूं ।

शोख नजर से अपनी गिराते हो बिजलियां,

इस शम्मा-ए-हुस्न का मैं परवाना लगता हूं ।

नशा तुम्हारे प्यार का इस कद्र चढ़ गया के,

भरी महफिल में मैं ही एक मस्ताना लगता हूं ।

इस इश्क ने शायद बदल दी है सूरत लेकिन,

जिस आयने में ही देखो अनजाना लगता हूं ।

इश्क मोहब्बत में खुदा की भी न सुने ‘मिलन’

हाव भाव से मैं बिल्कुल शहजादा लगता हूं ।।

मिलन “मोनी “

Samprabuta

6 Jul

” संप्रभुता “

खुदगर्जों की दुनिया में खुदगर्ज ही रहना होगा,

जो हम चाहते है कहना सब कुछ कहना होगा ।

कोरा सोना जान जिसे गंगाजमुनी तहजीब कहा,

किसे पता था वो बे-मोल पत्थर का गहना होगा ।

वो दिखाते हैं अपनापन मगर होते नहीं अपने,

अपने कंधों पे उनका बोझ भी नहीं सहना होगा ।

जिसने अपनाया उनको उनको ही ठुकराया है,

ऐसी मानसिकता वालों को अब तो ढहना होगा ।

सनातन कोई धर्म नहीं एक विचार धारा है बस,

कभी तो हर हिंदुस्तानी बासंती चोला पहना होगा ।

इस मुल्क की संप्रभुता बनाए रखने को ‘मिलन’

गंदा खून शिराओं से निकल बाहर बहना होगा ।।

मिलन ” मोनी ”