” देवदास “
मोहब्बत में ऐसी भला क्या खुशी है,
जो दिलो जान लुटा कर भी मिली है ।
यूं तो मोहब्बत का कोई मोल नहीं है,
मोहब्बत के बदले मोहब्बत मिली है ।
देवदास पास तेरे पारो है चंद्रमुखी है,
सब कुछ तो है मगर तेरा मन दुखी है ।
कितनी भी पीलो नजरों या प्यालों से,
मोहब्बत की प्यास ऐसे कब बुझी है ।
मैं रात रात भर जागा हूं तुझे सोच के,
जैसे दिल को कोई तेरी बात चुभी है ।
अपनी हालत देख लगता है ‘मिलन’
सिवा मेरे दुनिया में हर बंदा सुखी है ।।
मिलन ” मोनी “