Archive | September, 2021

Naata

30 Sep

” नाता “

जो कबूतर तेरी छत से उड़ कर आता है,

वही कबूतर तुझ तक मेरे खत पहुंचाता है ।

जो बादल आंखों से मेरे अश्क चुराता है,

वो ही बादल तेरे आंगन बारिश लाता है ।

जो भी रस्ता मुझको तेरे घर तक लाता है,

वही रस्ता तुझको मुझतक लेकर आता है ।

जो हवा का झोंका तेरी खुशबू उड़ाता है,

वही झोंका रात मेरी खिड़की से आता है ।

जो चंदा हर शब तुम्हारी छत पे आता है,

वही चंदा मेरे आंगन चांदनी बरसाता है।

लगता है तेरा मुझसे सदियों का नाता है,

इसलिए ‘मिलन’ वक्त तेरे संग गुजरता है।।

मिलन ” मोनी”

Lagta Hai

29 Sep

” लगता है “

पल पल हर पल साथ हो मेरे ऐसा लगता है,

कहीं कहीं से हर चेहरा तुझ जैसा लगता है।

तन्हा नहीं रह पाता हूं खुद अपनी तन्हाई में,

हर मुश्किल में साथ चलो तुम ऐसा लगता है।

मेरे रोम रोम मेरी सांस सांस में रची बसी हो,

भुला न सकेंगे तेरी खुशबू हमें ऐसा लगता है।

बहारों में जिस फूल को देखो है तुमसे मिलता,

न जानूं उस वक्त हमें भी कैसा कैसा लगता है।

पास रह के पास नहीं और दूर रह के दूर नहीं,

जैसे दीए तले अंधेरा, बिल्कुल वैसा लगता है।

सुहाने मौसम में भी घर से बाहर नहीं जाओ,

दिल को काफी देर तलक ऐसा वैसा लगता है।

गरीब दिलों से इश्क ‘मिलन’ करे नहीं दुनिया,

जड़ प्यार के खेल का हमको पैसा लगता है।।

मिलन ” मोनी ‘

Sharaab

28 Sep

” शराब “

दोस्ती में दुश्मनी हो गई,

पीते में कहासुनी हो गई।

बात उनके हुस्न पे चली,

रात और चांदनी हो गई ।

उनसे इश्क क्या किया,

जैसे एक गाली हो गई ।

लाल परी जो थी कभी,

वही अब काली हो गई ।

बस बाहें ही फैलाई थीं,

और वह परायी हो गई ।

तेरे रास्ते मेरे,न मेरे तेरे,

जुदा यूं कहानी हो गई ।

तौबा ‘मिलन’ शराब से,

तन्हा जिंदगानी हो गई।।

मिलन “मोनी”

Dekhiye

28 Sep

” देखिए “

मोहब्बत की गली में अपना घर बना कर देखिए,

प्यार से उसमें फिर दरों दीवार सजा कर देखिए ।

रंग निखर जाएगा हर कमरे का ज़ौको शौक से,

खिड़कियों से महकती सी हवा बसा कर देखिए ।

बरसात में गीला पन हद से गुजर जाए अगर,

हम सफर आगोश को तकिया बना कर देखिए ।

नर्म बिस्तर पर कभी जो नींद न आए रात भर,

उस चादर पे पड़ी तब सिलवटें हटा कर देखिए ।

खत तुम्हारे नाम कभी ये लिख दिए थे प्यार से,

देखिए जी भर उन्हें चाहें नजर चुरा कर देखिए ।

वक्त बेवक्त तुमसे मिलने कोई आए तो ‘मिलन’,

ये वक्त जैसा भी हो सबको मुस्कुरा कर देखिए ।।

मिलन ” मोनी “

Dekha Hai

21 Sep

” देखा है “

तुम से दिल लगा के देखा है,

किस्मत आज़मा के देखा है ।

देखें कब तक साथ देते हो,

कदम साथ बढ़ा के देखा है ।

आंधियों में जो बुझ गए थे,

दीयों को जला के देखा है ।

मुश्किलों से पूरा होता जो,

वो ख्वाब सजाके देखा है ।

नसीहतें मिलीं बुजुर्गों की,

आंखों से लगा के देखा है ।

दुनिया उसकी नहीं होती,

मोहब्बत लुटा के देखा है ।

बढ़ जाती हैं धड़कनें मेरी,

तुम्हारा नाम लेके देखा है ।

शाम होते लौटेगा ‘मिलन’,

कई बार दूर जाके देखा है ।।

मिलन ” मोनी ”

Chutkule

20 Sep

” चुटकुले “

मजाक के गुलदस्ते होते हैं चुटकुले,

जमीनें गम में खुशी बोते हैं चुटकुले ।

ठाहके जिन्हें सुन रुकने से ना रुके,

कंधों पर अपने हंसी ढोते हैं चुटकुले ।

बातों बातों में संजीदा बात तक कहें,

हर बात नजाकत से कहते हैं चुटकुले ।

वास्ता होता न गमों से कभी इनका,

खुशी में भी आंखें भिगोते हैं चुटकुले ।

कभी कभार एक तंज सा कर देते हैं,

दिल पर खंजर सा चुभोते हैं चुटकुले ।

हंसी हंसी में कभी खसी हो जाए तो,

दिल पर ले कर कभी रोते हैं चुटकुले ।

हर बात हंसी में उड़ाते नहीं हैं ‘मिलन,

ईट का जवाब पत्थर से देते हैं चुटकुले ।।

मिलन ” मोनी “

Bechaara

19 Sep

” बेचारा “

इस दुनिया में कोई भी हमारा नहीं रहा,

कुछ कहने सुनने का ज़माना नहीं रहा ।

उस दोस्त से ही दुश्मनी हो गई हमारी,

बिना जिसके अब तक गुजारा नहीं रहा ।

उनकी बातों से लगता है खफा हैं हमसे,

जिनको टालने का कोई बहाना नहीं रहा ।

लोग तो गम पीकर भी जिया करते है,

हमें खुशी का भी कोई सहारा नहीं रहा ।

जिन पैमानों में इश्क का नशा होता थाथा,

मयखानों में आज वो पैमाना नहीं रहा ।

प्यार मोहब्बत इश्क बफा के रस्ते हों,

हुस्ने शहर में यूं कोई चौराहा नहीं रहा ।

न भाग्य से जीता न ही हारा ‘मिलन ‘

तेरे जैसा और कोई बेचारा नहीं रहा ।।

मिलन ” मोनी “

Kuber

15 Sep

” कुबेर “

जिंदगी हर समय फूलों की सेज नहीं है,

जीना मुश्किलों में आखिर खेल नहीं है ।

कामयाब ही रहते हैं हरदम वही रिश्ते,

जिनके बीच में कहीं कोई फरेब नहीं है ।

सास और बहू बीच देखा तो है अक्सर,

उनके झगड़ों पर भी कोई नकेल नहीं है ।

राजनीतिक मंच पर नेताओं को परखा,

दिल लगते है सबके काले, सफेद नहीं हैं ।

भारत की आन बान और शान के लिए,

एक समान सब देश वासी अनेक नहीं हैं ।

इंसानी ख्वाइशें ‘मिलन पूरी नहीं होती,

इस दुनिया में कहीं भी कोई कुबेर नहीं है ।।

मिलन ” मोनी ”