Archive | March, 2021

Andaaze Zindagi

30 Mar

” अंदाजे जिंदगी “

हार जाने वाले, हारने का ग़म न कर

नजर फेर, फिर देखने का ग़म न कर,

राह में आए कांटों से क्यों डर गए हो

चुभ गए है तो आवले का ग़म न कर ।१।

शूल आखिर शूल है, वो पुष्प नहीं है

दीवार एक दीवार है, मंजिल नही है,

जिंदगी की ओर तो देख लेना यारों

दो घड़ी जिंदगी फिर मिलती नहीं है ।२।

एक रंग से कभी तो, तस्वीर बनती है

एक तस्वीर कितने ही, रंग बदलती है,

पैरों तले कुचले गए इंसान से कभी यूं

कोई बहुत बिगड़ी हुई बात बनती है ।३।

रात आती है, और यूंही गुजर जाती है

सहर आती है, और यूंही गुजर जाती है,

कोई हंस कर गुजरता है, कोई रो कर

हंसते रोते यूंही जिंदगी गुजार जाती है ।४।

जिंदगी के साज पे, ग़ज़ल गा के देखिए

गम के सागरों में जरा, डूब करके देखिए,

शायर की जिंदगी तो, शायराना होती है

इन गमों में भी जरा, मुस्कुरा के देखिए ।५।

वह क्या करेगा जिसे, जीने का अरमां नहीं

प्यार क्या करेगा अगर, खुदाई से प्यार नहीं,

कुछ खो कर ही, कुछ मिलता है जहान में

क्या पाएगा, जिसे खोने का एहसास नही ।६।

दुनिया ऊंचा किसी को, उठाती नहीं है

उसकी मेहनत उसको, झुकाती नहीं है,

जो चलता है, वही ठोकर भी खाता है,

ये ठोकरें उसको कभी, गिराती नहीं हैं ।७।

जख्म कोई, छोटा या बड़ा नहीं होता

शब्द कोई, खोटा या खरा नहीं होता,

बोलने के बाद, ऐसा न सोचना पड़े

के काश, हमने ऐसा कहा नहीं होता ।८।

इश्क और मुश्क, छुपाए नहीं छुपता

भूख और प्यास, बुझाए नहीं बुझता,

एक ही डाल पर, खिलता है लेकिन

फूल को कांटा, चुभाए नहीं चुभता ।९।

जानते हैं जिनको, हम पहचानते नहीं

पहचानते है जिनको, उन्हें जानते नहीं,

अजीब कश्मकश है, रिश्तों के दरमयां

कहीं अपनों को भी, अपना मानते नहीं ।१०।

इंसान वो है, जो खुद को पहचान जाए

गम लेकर खुद, खुशियों को बांट जाए,

खुद ब खुद खुशियां तो मिलती नहीं हैं

सुखी वही है जो, मुश्किलें आसां बनाए ।११।

मुश्किलें इंसान का, दिल आजमाती हैं

जिन्दगी की , मजबूरियां आजमाती है,

इस अंदाजे जिंदगी को देखले ‘मिलन’

हर नजर तेरी, इंसानियत आजमाती है ।१२।।

मिलन “मोनी ” çomposed in 1968,edited 30 /3/2021

Bikharti Yaaden

4 Mar

” बिखरती यादें “

बड़ी हम दर्द दुनिया है, बेहकावों में मत आना ,

छुपा लेना कहीं खुदको, निगाहों में मत आना ।

तुम्हें देखो तो चैन नहीं, न देखो तो सुकून नहीं,

गुज़ारिश है यही के तू, मेरे ख्वाबों में मत आना ।

हैं खिलते फूल बागों में, तुम्हीं से हुस्न लेकर के,

हया से सुर्ख गुलाबों की, क्यारियों में मत आना ।

कसम खायी थी हमने साथ, जीने और मरने की,

बन कर याद तुम बिखरी, किताबों में मत आना ।

चांद हो तुम फलक पे, चांदनी ही रहना ‘मिलन’,

सूरज की ले कर रोशनी, सितारों में मत आना ।।

मिलन “मोनी” ०४/०३/२०२०