Archive | February, 2022

Ruskrain

18 Feb

” रूसक्रेन “

जेलेस्की नाटो का शिकार हो गया,

देख कर पुतिन तो बीमार हो गया ।

युद्ध छिड़ गया इन दोनों के बीच,

अमरीका केलिए व्यापार हो गया ।

चलेंगी गोलियां बम या मिसाइल,

खतरा विश्व युद्ध का अपार हो गया ।

रूस सी बड़ी महा शक्ति के सामने,

यूक्रेन भी थोड़ा सा बेजार हो गया ।

आया नहीं साथ कोई यूरोपीय देश,

जेलेस्की का बेड़ा मझधार हो गया ।

संयुक्त राष्ट्रसंघ कोई काम न आया,

विश्व युद्ध का खतरा तैयार हो गया ।

जिद अपनी छोड़ रूसक्रेन ‘मिलन’,

बातचीत शांति का आधार हो गया ।।

मिलन ” मोनी “

Pravesh

18 Feb

” प्रवेश

जहां जन्में वो प्रदेश याद बहुत आता है,

विदेश आके स्वदेश याद बहुत आता है ।

देश में जब देखते हैं भ्रष्टाचार की आंधी,

जानें क्यों वो परदेश याद बहुत आता है ।

जीवन की नैया जब मझधार तक आए,

गुरुजनों का उपदेश याद बहुत आता है ।

हटा, गलत राह से, सही मार्ग पर लाए,

हर कदम वो दरवेश याद बहुत आता है ।

गरीबों में न अमीरों में, मध्यम वर्ग में तो,

धन, पैसा कमोवेश याद बहुत आता है ।

सब कुछ खो कर भी जब उभर न पाए,

उमर भर का निवेश याद बहुत आता है ।

वो रूठके भी मुस्कुराके देखता था जब,

गर्मठंडे का समावेश याद बहुत आता है ।

मोहब्बत की ‘मिलन’ पर हुई नहीं हमारी,

इश्क में किया प्रवेश याद बहुत आता है । ।

मिलन ” मोनी “

Badlaav

7 Feb

” बदलाव “

कहीं धूप कड़ी तो कहीं शजर भी आएगा,

कहीं सहरा तो कहीं पे समंदर भी आएगा ।

सीधे सीधे मंज़िल का पता मिलता नहीं,

रास्ते में दरिया तो कहीं पत्थर भी आएगा ।

ठंडी हवा के झोंको के झांसे में मत रहना,

मौसम बदलते ही यहां बवंडर भी आएगा ।

मोहब्बत से जंग हारने का मलाल न करो,

दिल हारने एक दिन सिकंदर भी आएगा ।

जैसा हो रहा है निजाम ‘मिलन’ होने दो,

धीरे धीरे यहां बदलाव नजर भी आएगा ।।

मिलन ” मोनी ”