Archive | July, 2021

Maza Toh Aayega

31 Jul

” मजा तो आयेगा “

साथ रहेंगे जब हम तुम मजा तो आयेगा,

साथ पियेंगे जब हम तुम मजा तो आयेगा ।१

एक बोतल, दो ग्लास और बर्फ, नमकीन,

रात भर जब जश्न करेंगे मजा तो आयेगा ।२

तेरी अपनी हद है और मेरी अपनी हद भी,

पार करेंगे जब सब दीवारें मजा तो आयेगा ।३

चलो कुछ धूप पकड़ कर देख लें आज,

हाथ जलेंगे लेकिन तपने का मजा तो आयेगा ।४

इस ‘मिलन’ की भूली बिसरी पुरानी कहानी,

याद करेंगे जब किस्से पुराने मजा तो आयेगा ।५

मिलन “मोनी”

Mahaul

29 Jul

” माहौल “

यह तो वो सांप हैं जो आस्तीनोंं में पलते हैं,

बहुत बुरा लगता है जब अपने ही डसते हैं ।

अपना सब कुछ देकर इनको पाला पोसा,

अब तो वो छोटी छोटी बातों में ही लड़ते हैं।

न हमसे दूर जाते हैं न अपने पास आते हैं,

मंजिल एक है वो न फिरभी साथ चलते है ।

हमने उन्हें चाहा क्या यह भूल थी अपनी,

खुदारा किस आग में नफरत की जलते हैं ।

सब एक हो कर भी कुछ तो अलग होगा,

अपने धर्म का प्याला जो अलग ही भरते हैं।

एक मर्ज है कर्ज है या इनका अलग फर्ज़ है,

जो अपने हो के भी अपनों को ही छलते हैं ।

अपना घर बनाओ और सजा लो मिलन’

हम एक हैं और एक माहौल ही रखते हैं ।।

मिलन “मोनी”

Rang Duniya ke

25 Jul

रंग दुनिया के

नजर से देखा तो लगा वह महजबीन है,

दिल से देखा तो पाया बहुत गमगीन है ।

कब न जानें छिन गए आंखों के सारे रंग,

वास्तव में यह दुनिया तो बेहद हसीन है ।

गांव में जिंदगी एक पीपल की छांव तो,

शहरों में बस जैसे चलती एक मशीन है ।

क्षितिज में हमेशा एक सुकून सा रहता है,

क्योंकि वहां न आसमान, न ही जमीन है ।

अपने मुल्क में रह कर ही गद्दारी करना,

जुर्म यह अपने आप में बहुत ही संगीन है ।

ख्वाबों में भी कभी बुरा नहीं सोचना मुझे,

शायद मेरी शक्सियात बहुत ही जहीन है ।

हुस्न और इश्क नाजुक एहसास है ‘मिलन’

इनके रिश्ते का तार तो बहुत ही महीन है ।।

मिलन ” मोनी “

Talash

21 Jul

” तलाश “

धुआं बता रहा है, मैं बुझ गया हूं,

हकीकतन शायद मैं जल गया हूं ।

कब से दिल में मेरे रह रहा है वो,

ढूंढने उसे कहीं मैं निकल गया हूं ।

इल्जाम इश्क का मुझ पर लगा,

तोहमतें वो सब मैं निगल गया हूं ।

पत्थर सा मजबूत दिल था मेरा,

बर्फ़ की तरह मैं पिघल गया हूं ।

जैसा मैं तब था अब भी वैसा हूं,

दोस्त कह रहे है मैं बदल गया हूं ।

रंग और खुश्बू फूलों का देख के,

काफी हद तक मैं संभल गया हूं ।

देखा उनको दरवाजे पर ‘मिलन’

अंजान खुशी से मैं उछल गया हूं ।।

मिलन ” मोनी “

Zaroor Hai

6 Jul

” जरूर है “

बुझने से पहले यह शमा फड़कती जरूर है,

बारिश से पहले बिजली कड़कती जरूर है ।

खामोश नहीं गुजरता कभी रात का सफर,

पास आते वक्त दुल्हन झिझकती जरूर है ।

काली हो या सांवली, सुंदर हो या बदसूरत,

बाहर जाने से पहले गोरी संवरती जरूर है ।

मां का साया उसके लिए जन्नत से कम नहीं,

जुदा होने से पहले औलाद तड़पती जरूर है ।

सरहद पे वीर जवान की फौत हो या फतह,

हर वक्त सीने पर तलवार लटकती जरूर है ।

संतान चाहें जितनी नादान हो या कमज़ोर,

बाप की दौलत के बल पे अकडती जरूर है।

प्यार के बदले प्यार अगर ना मिले कभी तो,

बात दिल को थोड़ी बहुत खटकती जरूर है ।

हम तुम्हें बेहद चाहते हैं यही सच है ‘ मिलन

पर कहने से पहले ज़ुबां अटकती जरूर है।।

मिलन “मोनी”