वक़्त बदलते बदलते खुद बदल गया
अब कह रहा है के ज़माना बदल गया !
बदला यह समां न बदला कभी प्यार
देखते देखते मगर मौसम बदल गया !
न बदला आसमां न बदली कहीं ज़मीं
पर ज़िंदगी का सारा मंज़र बदल गया !
बदला कभी हुस्न न बदला कहीं इश्क
इंसान देखने का नज़रिया बदल गया !
अमीर कहीं बदला ना गरीब ही बदला
दोनों के बीच बस फासला बदल गया !
यह आदमी बदला न औरत ही बदली
आपस का शायद ये रिश्ता बदल गया !
बदल गये हम तुम इस तरह ‘मिलन’
के धीरे धीरे सही सब कुछ बदल गया !!
मिलन “मोनी” २७/०१/२०१८