Archive | September, 2022

Jaa Rahi Hai

26 Sep

” जा रही है “

उम्र की शमा है जो जली जा है,

वक्त की हवा है जो चली जा रही है ।

सुहानी सुबह का रहता है इंतजार,

बे-दर्द रात है जो ढली जा रही है ।

लोभी नेता देश की लूट रहे दौलत,

नादान है जनता जो छली जा रही है ।

जितनी गंगा जमुना तहजीब बहेंगी,

उतनी ही नफरतें मन में पली रहीं है ।

हो रही है अपनी हर कोशिस नाकाम,

यही बात दिलों को खली जा रही है ।

शराब के पैमाने भरे हैं इन आंखों में,

प्यास है के होंठों पर चढ़ी जा रही है।

ना तुमने कुछ कहा ना मैने कुछ कहा,

खामोशियों में बात अब टली जा रही है ।

दिलों में गिले शिकवे नहीं रहे ‘मिलन’

अब दाल मोहब्बत की गली जा रही है ।।

मिलन * मोनी “

T

Pasand Nahi

22 Sep

” पसंद नहीं “

इश्क के नाज नखरे तो मुझे पसंद नहीं,

ये आशिकी जिंदगी में मुझे पसंद नहीं ।

निकलीं हैं शायरों की कलम से गजलें,

मिसरे हैं लाजवाब पर मुझे पसंद नहीं ।

मोहब्बत की आग हर तरफ लगी हुई,

ये आतिशी मौसम है मुझे पसंद नहीं ।

बरसात का आलम होता है दिलकश,

पर आंसुओं की बारिश मुझे पसंद नहीं

एक आसान तरीन रस्ता इश्क में बनाते,

समझौतों की कुछ शर्तें मुझे पसंद नहीं ।

अमीर खेतों में उगती है गरीबी ‘मिलन’

इंसानों में इतने फासले मुझे पसंद नहीं ।।

मिलन ” मोनी “

Khalish

10 Sep

” खलिश

प्यार का रंग मुझ पर छाने लगा,

जब मुझे देख वो मुस्कुराने लगा ।

दिल में खलिश एक उठने लगी,

वो आयना देख जब शर्माने लगा ।

हुस्न पर शवाबे इश्क ऐसा चढ़ा,

जाम तब जाम से टकराने लगा ।

नींद मेरी भी बहुत शायराना हुई,

वो ख्वाबों में जो आने जाने लगा ।

जो बेताब दिल को करार आ गया,

और गीत प्यार के गुनगुनाने लगा ।

मौसम की रंगी अदा देख ‘मिलन’

हर एक लम्हा यहां जगमगाने लगा ।।

मिलन ” मोनी “