” ओ सनम “
कुछ हंसो और कुछ हंसाओ सनम,
कुछ मेरी सुनो कुछ सुनाओ सनम ।
दिल मेरा नहीं है, है ये घर आपका,
दिल करे कभी आओ जाओ सनम ।
याद आऊं कभी जो किसी रात में,
चांद बन मेरी छत पर आओ सनम ।
जरा हमको नजदीक आने तो दो,
हमपे तिरछी नजर न डालो सनम ।
लगा जाए कहीं आयना ही नजर,
इतना बनसंवर के न आओ सनम ।
सुकूने शहनाई हमेशौ बजती रहे,
रूठ जाऊं अगर मैं मनाओ सनम ।
आज रात रंजो गम में गंवाओ मत,
गजलें हुस्नों इश्क की गाओ सनम ।
मिलन से मिलन में मिलन है खुश,
ख्वाब मिलन ही के सजाओ सनम ।।
मिलन ” मोनी ”