Kaise

24 Jun

” कैसे “

याद दिल ही से न जाए तो भुलाऊं कैसे,

यार घर से निकल जाए तो बुलाऊं कैसे ।

होश में रह कर भी मदहोश हो जाते है,

ख्वाबों से वो जज्बात मैं जगाऊं कैसे ।

जागते होने पर सोने का बहाना करना,

नींद से ऐसे गुनाहगारों को उठाऊं कैसे ।

फूल मैय्यत से उनके जो उठाए हमने,

अब घर उन्ही फूलों से सजाऊं कैसे ।

मेरी सूरत में उनका अक्स नजर आए,

आंख आयने से अपनी मैं बचाऊं कैसे ।

कब से ढूंढ रहा ‘मिलन’ पर मिला नहीं,

दिल को अपने सुकून मैं दिलाऊं कैसे ।।

मिलन ” मोनी “

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