Archive | September, 2016

Parinde

27 Sep

एक कोशिश करी मुस्कुराने की
लग गयी पर नज़र ज़माने की

हदसे ज़्यादा ही याद आए तुम
जितनी कोशिश करी भुलाने की

तेरे हुस्न और इश्क की खातिर
इस दिलसे दिललगी निभाने की

ज़ख्म पुराने तो उभर गए सारे
जितना चाहा दिल में दबाने की

बात सीधी वो कभी नहीं करता
लाज़रूरी है उसे मुह लगाने की

जो मयस्सर शराब है आँखों से
क्या ज़रुरी है मयक़दे जाने की

परिंदे यादो के कैद थे ‘मिलन’
अब बारी है सभी को उडाने की !!

मिलन “मोनी”

Iqraar Ki Baaten

27 Sep

चलो छोड़ो पुरानी सब अभी तकरार की बातें
कभी चाकू कभी खंजर कभी तलवार की बातें

मोहब्ब्त से जियो सारे गले मिलकर रहो सारे
भले ही दूरियाँ हो लेकिन करो दीदार की बातें

सुकूनो-शौक से आकरके मयखानों में तुम बैठो
इन प्यालों को टकरा कर करो झंकार की बातें

कुछ दिन का सफर है कुछ दिन की जवानी है
चलो करलें मिल के कुछ लबो रुखसार की बातें

बिखरने दो ज़रा जुल्फें हंसीं चेहरे पे आआ कर
फलक पर चाँद सूरज करें मेरे दिलदार की बातें

मंदिर में करो पूजा या के मस्जिदों में करो वजू
फैलाओ दोनों जगह हर दम ही संस्कार की बातें

पुरानी हो गयीं तस्वीर’मिलन’ तन्हाई भरी रातें
मैं सुनने को बहुत बेचैन हूँ तेरी इकरार की बातें

मिलन “मोनी”

Chupaya Keejiye

21 Sep

प्यार दिल में नहीं छुपाया कीजिये
सच को अपने सच बताया कीजिये

यह रात तनहा गुज़र न जाए अब
पास आने का कुछ बहाना कीजिये

आपकी आँखें हैं या किताबे-शायरी
गज़ल इनसे भी तो सुनाया कीजिये

तुम ख्वाब में हर रात आते हो मेरे
कभी ख्वाबों से बाहर आया कीजिये

हुस्न दिलकश है तेरा या चाँद का
चांदनी से यह शर्त लगाया कीजिये

बिजलियाँ हम पे गिराने के वास्ते
भीगने बारिष में भी आया कीजिये

ये तिश्नगी मेरी मिटाने को’मिलन’
जाम नज़रों के ही पिलाया कीजिये !!

मिलन “मोनी”20/9/2016

Chhor Do

19 Sep

दूर रह कर मुझसे इतना मुस्कुराना छोड़ दो,
कब कहा था यह के मरे पास आना छोड़ दो !

कर रही है हिचकियाँ ये हाल बेहाल सा मेरा,
याद कर कर कर मुझे फिर भुलाना छोड़ दो !

फंस गए अब जाल में कहाँ बच पाओगे तुम,
प्यार के इन सब सबूतों को मिटाना छोड़ दो !

आस्तीनों में तुम्हारी पले हैं जो जहरीले बहुत,
उन सभी सांपों को अब दूध पिलाना छोड़ दो !

ज़िन्दगी में काम की कुछ बात करके देखिये,
बैठ बैठे अब बेसबब ये पीना पिलाना छोड़ दो !

ले ही जायगी वहांतक तकदीर तुझको खीच के,
हालात के आगे हर वक़्त गिडगिडाना छोड़ दो !

हुस्न की दौलत से नवाज़ा है खुदा ने ‘मिलन’,
रेजगारी के लिए अब दिन रात लड़ना छोड़ दो !!

मिलन “मोनो”

Baki Hai

16 Sep

महफिल में चले आओ, अभी कुछ शाम बाकी है
मेरे प्याले में पीने को, अभी कुछ जाम बाकी है !

मेरे घर का खस्ता हाल न तुम देखना जाकर
बहुत बिखरा हुआ मेरा अभी सामान बाकी है !

अगर वादा नहीं करते, कब का मर गया होता
बस इंतज़ार में तेरे, अभी कुछ सांस बाकी है !

मेरे ज़िंदा रहने की तसल्ली करलो आकर,
यह दिल धड़कने की कुछ आवाज़ बाकी है !

बहुत सुन लिया है आपके बारे में ‘मिलन’,
बस आपसे मिलने का इक अरमान बाकी है !!

मिलन “मोनी”

Swbhaav Hai Bhai

8 Sep

” स्वभाव है भाई “

हरसिम्त इक नया घाव है भाई,
ज़िन्दगी धूप और छाव है भाई !

बात बात पे मन मुटाव है भाई,
किस तरफ यह झुकाव है भाई !

साहिलों का निशाँ कहीं नहीं,
किस भँवर में यह नाव है भाई !

बात दिल की उन से कैसे कहूं,
पास नहीं कोई सुझाव है भाई !

कैसे बीतेगी चैन से सारी उमर,
बात बात में इतना तनाव है भाई !

कड़ी धूप में भी तपन नहीं लगती,
जहां माँ के आँचल की छाव है भाई !

दोस्त ही दोस्ती का दुश्मन बना है,
आज यह कैसा मन-मुटाव है भाई !

डूबे जाते हैं सफीनें प्यार में उनके,
आंखों में कैसा ये खिचाव है भाई !

तुमसे मिल बेहद खुश है ‘मिलन’
ऐसा ही तो मेरा स्वभाव है भाई !!

मिलन “मोनी”