Archive | April, 2020

Ye Filmi Gaane

29 Apr

” ये फिल्मी गाने “

मनोरंजन का इक साधन है ये फिल्मी गाने,

एक तन से मन का बंधन है ये फिल्मी गाने ।

गम से भरी जिंदगी में जब कहीं सुकून न हो,
प्यासी रूहों का ही मिलन है ये फिल्मी गाने!

क्या सुर ताल, क्या आवाज़ क्या अंदाज़े ब्यां,
साज लय के सुगंधित सुमन हैं ये फिल्मी गाने !

भूली बिसरी बातों को दिल से लगा के रखना,
यादों की रोशनियों के चमन है ये फिल्मी गाने !

कभी गजल कभी कव्वाली कभी सुगम संगीत,
कभी भक्ति से भरे हुए भजन हैं ये फिल्मी गाने !

मदहोशी सी तारी है सागर और सुराही के संंग,
रंग गज़ब के और नशीला मन हैं ये फिल्मी गाने ।

आज़ादी और देश-प्रेम की उठती है ज्वाला,
लगता है सैनिकों में अमन है ये फिल्मी गाने !

गम की अंधेरी रात है या जागे प्यास ‘मिलन’
हर सूरत में दिल से नमन है ये फिल्मी गाने !!

मिलन”मोनी”

Maan Jao Naa

27 Apr

” मान जाओ ना ”

दिल के बहुत करीब हो मान जाओ ना
तुमही तो मेरे नसीब हो मान जाओ ना !

नज़र भरके देख के भी मन नहीं भरता
प्यास ही तुुम अजीब हो मान जाओ ना !

तेरे हुस्न को अपनी आंखों मेे भर लूंगा
तुमही तो मेरे रकीब हो मान जाओ ना !

रख के पांव जिसपे चढा हूं मैं यहां तक
इश्क की वही सलीब हो मान जाओ ना !

मोहब्बत से बडी कोई दौलत नहीं होती
तुम्ही जाने मन हबीब हो मान जाओ ना !

दर्दे दिल दर्दे बफा दर्दे तमन्ना आप ही
बीमार-ए-इश्के तबीब हो मान जाओ ना !

शेर-ओ-शायरी से रखते हो मुझे बश में
तुम शायराना अदीब हो मान जाओ ना !

ज़ाहिर नहीं करके गिले तिश्नगी’मिलन’
बातोंं से तुम गरीब हो मान जाओ ना !!

मिलन “मोनी”
२७/४/२०२०

Jung Hai

21 Apr

” जंग है ”
तीरगी हटाओ यही रोशनी की जंग है
मौत को भगाओ ये जिंदगी की जंग है !

मत समझो यह लडाई बहुत छोटी रही
यह इंसानिसत और आदमी की जंग है !

अमीर या गरीब सभी शिकार है इसके
क्या रहीस क्या ये मुफलिसी की जंग है !

शक्ल में कोरोना के मौत यहां घूम रही
हर शख्स केे लिये जिंदगानी की जंग है !

मोहब्बत भी करो तो बस दूर दूर रहके
अब ये आशिकी में आतिशी की जंग है !

बहुत कहा बहुत लिखा तुमनें’मिलन’पर
आज शायरों के बीच शायरी की जंग है !!

मिलन “मोनी”

Hai Zindagi

5 Apr

“नहीं है ज़िन्दगी”

इतनी मन चाही नहीं है ज़िन्दगी
खुशियों से डरी नहीं है जिन्दगी !

हर समय एक उन्माद रहता है
मायूसी से भरी नहीं है ज़िन्दगी !

जो चाहो वो सब मिल जायगा
इतनी मनचली नहीं है ज़िन्दगी !

क्या लेती है क्या दे जाती है
ये कुछ बताती नहीं है जिन्दगी !

सीधे साधे रास्तों से होकर तो
कहीं जा पाती नहीं है ज़िन्दगी !

जाना बहुत पहचाना भी बहुत
पर समझ आती नहीं है ज़िन्दगी !

माना के बस चार दिन की है
फिरभी खलती नहीं है ज़िन्दगी !

जो दिया’मिलन’वही ले लिया
उधार ये रखती नहीं है ज़िन्दगी !!

मिलन “मोनी”