Khalish

10 Sep

” खलिश

प्यार का रंग मुझ पर छाने लगा,

जब मुझे देख वो मुस्कुराने लगा ।

दिल में खलिश एक उठने लगी,

वो आयना देख जब शर्माने लगा ।

हुस्न पर शवाबे इश्क ऐसा चढ़ा,

जाम तब जाम से टकराने लगा ।

नींद मेरी भी बहुत शायराना हुई,

वो ख्वाबों में जो आने जाने लगा ।

जो बेताब दिल को करार आ गया,

और गीत प्यार के गुनगुनाने लगा ।

मौसम की रंगी अदा देख ‘मिलन’

हर एक लम्हा यहां जगमगाने लगा ।।

मिलन ” मोनी “

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