” खलिश “
प्यार का रंग मुझ पर छाने लगा,
जब मुझे देख वो मुस्कुराने लगा ।
दिल में खलिश एक उठने लगी,
वो आयना देख जब शर्माने लगा ।
हुस्न पर शवाबे इश्क ऐसा चढ़ा,
जाम तब जाम से टकराने लगा ।
नींद मेरी भी बहुत शायराना हुई,
वो ख्वाबों में जो आने जाने लगा ।
जो बेताब दिल को करार आ गया,
और गीत प्यार के गुनगुनाने लगा ।
मौसम की रंगी अदा देख ‘मिलन’
हर एक लम्हा यहां जगमगाने लगा ।।
मिलन ” मोनी “
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