” चुटकुले “
मजाक के गुलदस्ते होते हैं चुटकुले,
जमीनें गम में खुशी बोते हैं चुटकुले ।
ठाहके जिन्हें सुन रुकने से ना रुके,
कंधों पर अपने हंसी ढोते हैं चुटकुले ।
बातों बातों में संजीदा बात तक कहें,
हर बात नजाकत से कहते हैं चुटकुले ।
वास्ता होता न गमों से कभी इनका,
खुशी में भी आंखें भिगोते हैं चुटकुले ।
कभी कभार एक तंज सा कर देते हैं,
दिल पर खंजर सा चुभोते हैं चुटकुले ।
हंसी हंसी में कभी खसी हो जाए तो,
दिल पर ले कर कभी रोते हैं चुटकुले ।
हर बात हंसी में उड़ाते नहीं हैं ‘मिलन,
ईट का जवाब पत्थर से देते हैं चुटकुले ।।
मिलन ” मोनी “
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