O Sanam

30 Jun

” ओ सनम “

कुछ हंसो और कुछ हंसाओ सनम,

कुछ मेरी सुनो कुछ सुनाओ सनम ।

दिल मेरा नहीं है, है ये घर आपका,

दिल करे कभी आओ जाओ सनम ।

याद आऊं कभी जो किसी रात में,

चांद बन मेरी छत पर आओ सनम ।

जरा हमको नजदीक आने तो दो,

हमपे तिरछी नजर न डालो सनम ।

लगा जाए कहीं आयना ही नजर,

इतना बनसंवर के न आओ सनम ।

सुकूने शहनाई हमेशौ बजती रहे,

रूठ जाऊं अगर मैं मनाओ सनम ।

आज रात रंजो गम में गंवाओ मत,

गजलें हुस्नों इश्क की गाओ सनम ।

मिलन से मिलन में मिलन है खुश,

ख्वाब मिलन ही के सजाओ सनम ।।

मिलन ” मोनी ”

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