” दीवार नहीं है “
तेरे बगैर ये जिंदगी कोई जिंदगी नहीं है,
कदमों में हर खुशी लेकिन खुशी नहीं है ।१
कोरा है दिल का आयना आजतक मेरा,
तस्वीर कोई अबतक इसमें सजी नहीं है ।२
शम्मा है इश्क की सदियों से जल रही है,
बुझाया आंधियों ने फिरभी बुझी नहीं है ।३
खामोशियों ने चुपके से कानों में ये कहा,
ढलने को रात आधी फिर भी ढली नहीं है ।४
तदबीर ने हमेशा से कोशिश बहुत करी है,
तकदीर के मुक़ाबिल उसकी चली नहीं है ।५
मजहबों के बीच ‘मिलन’ बंदिशें हों मगर,
दीवार दिलों के दरम्यान कोई उठी नहीं है ।।६
मिलन ” मोनी “
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