” आया जब “
दर्द उभर कर आया जब,
याद बहुत वो आया जब ।
दूरियों का एहसास हुआ,
पास बहुत वो आया जब ।
तंज किया इस जीवन पे,
पा कर सब न पाया जब ।
सुकून वहीं ही मिला हमें,
लौटके घर पे आया जब ।
आइना देख क्यों डर गए,
अपना ही था साया जब ।
गजलें कह बैठा ‘मिलन’
तुझ पे प्यार आया जब ।।
मिलन “मोनी”
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