Aaya Jab

20 Oct

” आया जब “

दर्द उभर कर आया जब,

याद बहुत वो आया जब ।

दूरियों का एहसास हुआ,

पास बहुत वो आया जब ।

तंज किया इस जीवन पे,

पा कर सब न पाया जब ।

सुकून वहीं ही मिला हमें,

लौटके घर पे आया जब ।

आइना देख क्यों डर गए,

अपना ही था साया जब ।

गजलें कह बैठा ‘मिलन’

तुझ पे प्यार आया जब ।।

मिलन “मोनी”

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