Badlaav

7 Feb

” बदलाव “

कहीं धूप कड़ी तो कहीं शजर भी आएगा,

कहीं सहरा तो कहीं पे समंदर भी आएगा ।

सीधे सीधे मंज़िल का पता मिलता नहीं,

रास्ते में दरिया तो कहीं पत्थर भी आएगा ।

ठंडी हवा के झोंको के झांसे में मत रहना,

मौसम बदलते ही यहां बवंडर भी आएगा ।

मोहब्बत से जंग हारने का मलाल न करो,

दिल हारने एक दिन सिकंदर भी आएगा ।

जैसा हो रहा है निजाम ‘मिलन’ होने दो,

धीरे धीरे यहां बदलाव नजर भी आएगा ।।

मिलन ” मोनी ”

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