” हिंदुस्तान है “
फूल कांटे साथ खिलेँ यही तो गुलाब है,
गंगा जमुना साथ बहें यही तो कमाल है।
ना रोटी ना कपड़ा ना मकान है फिरभी,
सारी जनता कहती है मेरा देश महान है।
मुल्क की दौलत लूट कर घर भर लिया,
कोई नहीं समझता यही तो भ्रष्टाचार है।
अमीर को दौलत मिली गरीब को गरीबी,
लोकतंत्र के राज्य में क्या यही इंसाफ है।
एक देश एक ही कानून हो सबके लिए,
राजतंत्र की यही सबसे बड़ी पहचान है।
हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई सब भाई रहें,
हर मजहब यहां एक कश्ती में सवार है।
कांटों में रह कर भी हमने फैलाई खुशबू,
सच कहे ये ‘मिलन’ यही तो हिंदुस्तान है।।
मिलन ‘ मोनी “